गर्मी से संबंधित बिमारियों को कैसे रोकें : सुरक्षित रहने के उपयोगी सुझाव

Health Insurance Plans starting at Rs.15/day*

Health Insurance Plans starting at Rs.15/day*

प्रस्तावना:

जैसे ही गर्मी की तपिश बढ़ती हैं हम अपने स्वास्थ्य के बारे में चिंतित हो जाते हैं।डीहाइड्रेशन से लेकर मूड में बदलाव तक अत्यधिक तापमान हमें शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से प्रभावित करते हैं। आइए, इस आलेख में हम गर्मी से संबंधित हर संभावित बीमारियों को समझें और चिलचिलाते दिनों में स्वस्थ और सुरक्षित रहने के कुछ व्यावहारिक उपाय जानें।

हमारे शरीर की सीमा :

हमारे शरीर में पसीने और वासोडिलेशन जैसी प्रक्रियाओं के माध्यम से तापमान को नियंत्रित करने की उल्लेखनीय क्षमता होती हैं जो गर्मी को निष्काषित कर एक स्थिर आंतरिक वातावरण बनाए रखने में मदद करती हैं। हालाँकि, अत्यधिक गर्मी के संपर्क में आने पर ये व्यवस्थाएँ चरमरा सकते हैं।असाधारण रूप से गर्म परिस्थितियों में, जैसे कि लू के दौरान या लंबे समय तक उच्च तापमान के संपर्क में रहने से, हमारे शरीर में गर्मी पैदा करने की दर उसके नष्ट होने की दर से अधिक हो सकती हैं।इस असंतुलन से शरीर के मुख्य तापमान में तेजी से वृद्धि हो सकती हैं, जिससे गर्मी से संबंधित बीमारियाँ—शारीरिक और मानसिक दोनों—हो सकती हैं।

गर्मी से होने वाली संभावित बीमारियाँ :

1. गर्मी से अकड़न :

मांसपेशियों में दर्दनाक संकुचन या अकड़न जो गर्म परिस्थितियों में अत्यधिक शारीरिक गतिविधियों के दौरान या उसके बाद होती हैं।ये अक्सर डीहाइड्रेशन और इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन के कारण होता हैं।

2. गर्मी से थकावट :

यह गर्मी के कारण होने वाले अकड़न से भी अधिक गंभीर स्थिति हैं जिसमें भारी पसीना, कमज़ोरी, चक्कर आना, मतली, सिरदर्द, और कभी-कभी बेहोशी जैसे लक्षण शामिल हैं।यह डीहाइड्रेशन और इलेक्ट्रोलाइट हानि के कारण होता हैं और अगर तुरंत इलाज न किया जाए तो यह हीटस्ट्रोक में परिवर्तित हो सकता हैं।

3. हीट रैश (मिलिरिया) (Miliaria) :

यह पसीने की नलिकाओं के अवरुद्ध होने के कारण उत्पन्न होने वाली त्वचा की ऐसी स्थिति हैंजिसके फलस्वरूप लाल दाने या छोटे छाले बन जाते हैं। यह गर्म, आर्द्र परिस्थितियों में अधिक आम हैं।

4. हीट सिंकोप (Heat Syncope) :

यह एक ऐसी स्तिथि हैं जब मस्तिष्क में रक्त के प्रवाह में कमी के कारण बेहोशी या चक्कर आता हैं।ये अक्सर गर्म परिस्थितियों में लंबे समय तक खड़े रहने या लंबे समय तक बैठने या लेटने के पश्च्यात अचानक खड़े होने से होता हैं।

5. गर्मी से संबंधित आँखों की समस्याएँ :

गर्म और शुष्क वातावरण में आँखों का पानी तेज़ी से वाष्पीकृत होता हैं।साथ ही सूरज की रोशनी से UV जोखिम के कारण आँखों में सूखापन और जलन महसूस होता हैं। कभी कभी आँखों की मौजूदा स्थिति भी प्रभावित होती हैं।

6. गर्मी से संबंधित गैस्ट्रोइंटस्टिनल समस्याएँ :

अत्यधिक गर्मी में डीहाइड्रेशन और इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन के कारण मतली, उल्टी, और दस्त जैसी स्तिथियाँ उत्पन्न हो सकती हैं, जिससे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संकट हो सकता हैं।

7. गर्मी से संबंधित श्वसन समस्याएँ :

उच्च तापमान, वायु प्रदूषण, और हवा में मौजूद एलर्जेन के कारण साँस लेने में कठिनाई या अस्थमा या क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) जैसी श्वसन स्तिथियाँ बढ़ जाती हैं।

8. गर्मी से संबंधित नींद की परेशानियाँ :

अत्यधिक गर्मी में रात को नींद नहीं आना या नींद में खलल होने से नींद का पैटर्न बाधित होता हैं। इसके कारण दिन में थकान होती हैं।यह उच्च तापमान या अत्यधिक पसीने से होने वाली परेशानियों के कारण हो सकता हैं।

9. हीटस्ट्रोक (सनस्ट्रोक) :

यह सबसे गंभीर गर्मी सम्बन्धी बीमारी हैं जिसमे शरीर का तापमान 104°F (40°C) या उससे अधिक तक पहुँच जाता हैं। इसके साथ ही मानसिक स्थिति में परिवर्तन, भ्रम, दौरे, और चेतना की हानि जैसे लक्षण भी देखने को मिल सकते हैं।हीटस्ट्रोक एक आपातकालीन स्थिति हैं और अगर तुरंत इलाज न किया जाए तो यह घातक हो सकता हैं।

10. हाइपोनेट्रेमिया (पानी का नशा) :

हालाँकि यह सीधे तौर से गर्मी से संबंधित बीमारी नहीं हैं लेकिन यह गर्मी में अधिक समय बिताने पर हो सकता हैं।यह एक ऐसी स्तिथि हैं जिसमे रक्त में सोडियम का स्तर निम्न हो जाता हैं।ऐसा तब होता हैं जब पानी का सेवन अत्यधिक हो और पर्याप्त इलेक्ट्रोलाइट प्रतिस्थापन न हो। लक्षणों में मतली, उल्टी, सिरदर्द, भ्रम, और गंभीर मामलों में दौरे और कोमा शामिल हैं।

11. गर्मी से संबंधित मानसिक बीमारी :

अत्यधिक गर्मी शारीरिक परेशानी के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य को भी चुनौतियों दे सकता हैं। ऐसे में व्यक्ति को ओवरहीटिंग, डीहाइड्रेशन, या अन्य बिमारियों के बारे में चिंता सता सकती हैं।गर्मी से निपटने के दौरान व्यक्ति को भावनात्मक अस्थिरता महसूस हो सकती हैं, अचानक मूड में बदलाव आ सकता हैं, और उत्कंठा जैसे मौजूदा मानसिक स्वास्थ्य समस्याएँ बढ़ सकती हैं।उच्च तापमान संज्ञानात्मक कार्यों को बिगाड़ सकता हैं, जिससे स्मृति, एकाग्रता, और निर्णय लेने में कठिनाई हो सकती हैं।ऐसे में एकांत की तलाश अधिक प्रचलित हो जाती हैं क्योंकि व्यक्ति अत्यधिक गर्मी में दूसरों के आसपास रहने की असुविधा से बचने का प्रयास करते हैं।

गर्मी संबंधित बिमारियों से बचाव के उपाय :

1. हाइड्रेटेड रहे :

पर्याप्त पानी, हर्बल चाय, और नारियल पानी जैसे इलेक्ट्रोलाइट युक्त पेय पदार्थो का सेवन करें और फलों का रस भी पियें।ये पेय पदार्थ पसीने के माध्यम से खो जाने वाले तरल पदार्थो की भरपाई में मदद करते हैं और डीहाइड्रेशन की रोकथाम करते हैं और गर्म मौसम के दौरान शरीर को हाइड्रेटेड और ठंडा भी रखते हैं। शर्करा या कैफीन युक्त पेय पदार्थों के अत्यधिक सेवन से बचें, क्योंकि वे डीहाइड्रेशन में योगदान कर सकते हैं। खीरा, तरबूज़, स्ट्रॉबेरी, और लेट्यूस जैसे उच्च जलस्तर वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करें।ये खाद्य पदार्थ न केवल हाइड्रेट करते हैं बल्कि आवश्यक विटामिन और खनिज भी प्रदान करते हैं, जिससे शरीर के तापमान को नियंत्रित करने में मदद मिलती हैं। भारी, उच्च वसा वाले भोजन से बचें जो शरीर में गर्मी उत्पादन बढ़ा सकते हैं।

2. धूप से बचें :

प्रत्यक्ष धूप से दूर रहने से तीव्र गर्मी और हानिकारक UV विकिरण का जोखिम कम हो जाता हैं, जिससे हीटस्ट्रोक और सनबर्न जैसी गर्मी संबंधित बीमारियों का खतरा कम हो जाता हैं।अत्यधिक धूप में छाया की तलाश करना या घर के अंदर रहना शरीर के आरामदायक तापमान को बनाए रखने में मदद करता हैं और त्वचा की रक्षा भी करता हैं।

3. हल्के कपड़े पहनें :

हल्के, हवादार कपड़े हवा को शरीर के चारों ओर संचारित करने में मदद करते हैं, जिससे पसीने का वाष्पीकरण संभव होता हैं और ठंडक भी मिलती हैं। ढीले-ढाले कपड़े व्यक्ति को अधिक गरम होने से बचाते हैं और त्वचा की जलन को भी कम करते हैं।

4. सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें :

उच्च सन प्रोटेक्शन फैक्टर (SPF) युक्त सनस्क्रीन लगाने से त्वचा UV विकिरण से बच जाती हैं। इससे सनबर्न और त्वचा की क्षति का खतरा कम हो जाता हैं।त्वचा की रक्षा करना उसके स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता हैं।यह त्वचा कैंसर और अन्य सूर्य संबंधी स्थितियों के विकास की संभावना को भी कम करता हैं।

5. ब्रेक लें :

शरीरिक गतिविधियों के दौरान नियमित ब्रेक लेने से शरीर को आराम और ठंडक मिलती हैं, जिससे अधिक गर्मी और थकावट से बचाव संभव हैं।छायादार या वातानुकूलित क्षेत्रों में आराम करने से गर्मी का तनाव कम होता हैं और गर्म मौसम में ऊर्जा स्तर को बनाए रखने में मदद भी मिलती हैं।

6. श्रमसाध्य गतिविधियाँ कम करें :

चरम गर्मी के दौरान अत्यधिक शारीरिक परिश्रम से बचना चाहिए जिससे गर्मी संबंधित बीमारियों जैसे गर्मी के कारण ऐंठन, गर्मी से थकावट, और हीटस्ट्रोक जैसे खतरें कम हो जाते हैं।

7. लक्षणों पर नज़र रखें :

चक्कर आना, मतली, सिरदर्द, या अत्यधिक पसीना जैसे गर्मी से संबंधित बीमारियों के लक्षणों के बारे में जागरूक होने से बीमारी के शुरुआती दौर में ही हस्तक्षेप और उपचार मुमकिन हैं।

8. कमज़ोर व्यक्तियों का ध्यान रखें :

संवेदनशील व्यक्तियों जैसे बुजुर्गों, छोटे बच्चों, और पालतू जानवरों पर नज़र रखना चाहिए ताकि अत्यधिक गर्मी में उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकें।

9. तनाव प्रबंधन तकनीकों का अभ्यास करें :

गहरी साँस लेने और ध्यान या योग जैसी विश्राम तकनीकों में संलग्न रहने से तनाव कम हो सकता हैं।गर्म मौसम में ये सारी तकनीकें भावनात्मक कल्याण को बढ़ावा देने में मदद करती हैं।साथ ही, जब रू-बरू बैठकें संभव न हों तो मोबाइल सुविधाओं के माध्यम से दोस्तों के साथ जुड़ें।

निष्कर्ष :

अत्यधिक गर्मी से निपटने और गर्मी संबंधित बीमारियों को रोकने के लिए कई प्रभावी रणनीतियाँ हैं। अपनी विशिष्ट गर्मी संबंधी बीमारी के लिए उचित समाधान खोजें।ऊपर बताए गए विभिन्न सुझावों, जैसे हाइड्रेटेड रहना, धूप से बचना, उचित कपड़े पहनना, और तनाव प्रबंधन तकनीकों का पालन कर हम गर्मी संबंधित आम समस्याओं से बच सकते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल :

1) गर्मी संबंधित बिमारियों की चपेट में जल्दी कौन आ जाते हैं?

बुजुर्ग, छोटे बच्चे, दीर्घकालिक बीमारियों से पीड़ित व्यक्ति, बाहर काम करने वाले व्यक्ति या ऐसे व्यक्ति जो अपर्याप्त हवा वाले क्षेत्रों में रहते हैं वे असुरक्षित हैं।

2) गर्मियों में कौन से रंग के कपड़े श्रेष्ठ हैं?

हल्के रंग के कपड़े, विशेष रूप से सफेद या सौम्य रंग के कपड़े, गर्मियों के लिए आदर्श होते हैं क्योंकि वे सूरज की रोशनी और गर्मी को प्रतिबिंबित करते हैं, जिससे शरीर को ठंडा रखने में सहायता होती हैं।

3) AC के लिए कौन सा तापमान सर्वोत्तम हैं?

एयर कंडीशनिंग के लिए सर्वोत्तम तापमान सेटिंग आमतौर पर 22°C से 26°C के बीच होता हैं।


DISCLAIMER: THIS BLOG/WEBSITE DOES NOT PROVIDE MEDICAL ADVICE

The Information including but not limited to text, graphics, images and other material contained on this blog are intended for education and awareness only. No material on this blog is intended to be a substitute for professional medical help including diagnosis or treatment. It is always advisable to consult medical professional before relying on the content. Neither the Author nor Star Health and Allied Insurance Co. Ltd accepts any responsibility for any potential risk to any visitor/reader.

Scroll to Top