परिचय
माइकोसेस (mycoses), जिसे आमतौर पर फंगल संक्रमण कहा जाता हैं, विभिन्न प्रकार के फंगी के कारण होने वाली आम बीमारियाँ हैं।हालाँकि ये साल के किसी भी वक़्त हो सकते हैं, गर्मी में बढ़ी हुई आर्द्रता, गर्मी, और पसीने के कारण इनकी तीव्रता बढ़ जाती हैं। ये स्थितियाँ त्वचा, नाखूनों, और शरीर के अन्य भागों पर फंगी के पनपने और फैलने के लिए एक आदर्श वातावरण बनाती हैं। आइये, इस आलेख में जानें कि गर्मी में फंगल संक्रमण से खुद को कैसे बचाए।
क्या मुझे फंगल संक्रमण के कारण शर्मिंदगी महसूस करनी चाहिए?
फंगल संक्रमण तब होता हैं जब फंगी, जो की सूक्ष्म जीव हैं, शरीर पर आक्रमण करते हैं और अनियंत्रित रूप से बढ़ते हैं।विभिन्न प्रकार के फंगी होते हैं जो संक्रमण का कारण बन सकते हैं, जिनमें डर्माटोफाइट्स (dermatophytes), यीस्ट (yeast), और मोल्ड (mold) शामिल हैं।ये संक्रमण त्वचा, नाखून, बाल, मुँह, और जननांगों सहित शरीर के विभिन्न हिस्सों को प्रभावित कर सकते हैं।
फंगल संक्रमण होने पर शर्मिंदगी की कोई आवश्यकता नहीं हैं क्योंकि ये सामान्य और उपचार योग्य स्थितियां हैं जो किसी को भी प्रभावित कर सकती हैं।वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन (WHO) के अनुसार, फंगल संक्रमण हर साल दुनिया भर में अरबों लोगों को प्रभावित करता हैं।कुछ अध्ययनों से पता चला हैं कि वैश्विक आबादी का 20% तक अपने जीवन में किसी भी समय फंगल संक्रमण का अनुभव कर सकते हैं।
फंगी का पसंदीदा मौसम: ग्रीष्म काल
गर्मी में फंगल संक्रमण निम्नलिखित कारणों से बिगड़ सकते हैं:
आर्द्रता में वृद्धि
गर्मियों में उच्च आर्द्रता स्तर नमी को बढ़ावा देकर फंगल विकास के लिए अनुकूल वातावरण बनाता हैं, विशेष रूप से त्वचा की परतों और पसीने वाले क्षेत्रों में।यह नमी फंगी के प्रसार को बढ़ावा देता हैं जिससे एथलीट फुट (athlete’s foot) और जॉक खुजली (jock itch) जैसे संक्रमणों का खतरा बढ़ जाता हैं।
गर्मी
गर्मियों में अधिक तापमान के कारण फंगी के पनपने के लिए एक आदर्श प्रजनन भूमि प्रदानकरता हैं क्योंकि वे गर्म वातावरण में विकसित होते हैं।गर्मी और नमी फंगी के विकास को बढ़ावा देता हैं, जिससे दाद और यीस्ट संक्रमण जैसी स्थितियां बढ़ जाती हैं।ये आमतौर पर त्वचा और श्लेष्मा झिल्ली (mucous membranes) को प्रभावित करते हैं।
पसीना
गर्म मौसम में अत्यधिक पसीना आता हैं और ये फंगल वृद्धि के लिए अनुकूल नमीयुक्त वातावरण बनाकर फंगल संक्रमण को बढ़ा सकता हैं। खराब वेंटिलेशन, विशेष रूप से बगल, कमर, और पैरों जैसे क्षेत्रों में नमी के जमाव के कारण समस्या और भी बढ़ जाता हैं।यहाँ फंगी पनपते हैं, जिससे एथलीट फुट और इंटरट्रिगो (intertrigo) जैसे संक्रमण की संभावना बढ़ जाती हैं।
गर्मियों में सर्वाधिक होने वाला फंगल संक्रमण:
एथलीट फ़ुट (टीनिया पेडिस) (Athlete's Foot/Tinea Pedis): यह मुख्य रूप से पैरों की त्वचा को प्रभावित करता हैं, विशेषकर पैरों की उंगलियों के बीच।इस संक्रमण का कारण डर्माटोफाइट फंगी हैं। जूते और मोज़े के अंदर गर्म, नम वातावरण के कारण खुजली, जलन, लालिमा और त्वचा का छिलना जैसे लक्षण शामिल हैं।
डर्माटोफाइट्स (Dermatophytes): ट्राइकोफाइटन टॉन्सुरांस (Trichophyton tonsurans) जैसे डर्माटोफाइट्स के कारण सर की त्वचा या बालों में फंगल संक्रमण के परिणामस्वरूप टिनिया कैपिटिस (tiinea capitis) होता हैं, जिसे स्कैल्प दाद के रूप में जाना जाता हैं।हालाँकि, यह बच्चों में अधिक आम हैं, यह वयस्कों में भी हो सकता हैं, जिसमें खुजली, लालिमा, स्केलिंग, और सर की त्वचा पर गोलाकार पैच के रूप में बालों के झड़ने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
जॉक इच (टीनिया क्रूरिस) (Jock Itch/Tinea Cruris): आम तौर पर कमर और आंतरिक जांघों में होने वाली जॉक खुजली या टिनिया क्रुरिस एक फंगल संक्रमण हैं जो लालिमा, खुजली, और दाने से चिह्नित होता हैं, जो नमीं, गर्मी, और घर्षण से बढ़ जाता हैं। पुरुषों में अधिक प्रचलित, यह अक्सर एथलीटों में देखा जाता हैं।
दाद (टीनिया कॉर्पोरिस) (Ringworm/Tinea Corporis): दाद वर्म नहीं बल्कि डर्मेटोफाइट फंगस हैं। यह संक्रमण त्वचा पर गोलाकार, लाल, पपड़ीदार पैच के रूप में होता हैं, जो एक अंगूठी जैसा दिखता हैं। संक्रमण संचारण संक्रमित व्यक्तियों, जानवरों, या सतहों के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संपर्क में आने से होता हैं।
यीस्ट संक्रमण (Yeast Infections): कैंडिडा अल्बिकन्स (Candida albicans) के अतिवृद्धि के कारण यीस्ट संक्रमण मुंह (ओरल थ्रश), जननांगों (योनि यीस्ट संक्रमण), और त्वचा की परतों (इंटरट्रिगो) सहित शरीर के विभिन्न हिस्सों को प्रभावित करता हैं।
क्या व्यक्ति गर्मी में खुद को फंगल संक्रमण से बचा सकता हैं?
स्वच्छता प्रथा
अतिरिक्त नमी जमा होने से रोकने के लिए नियमित रूप से स्नान करें तत्पश्चात अच्छी तरह से त्वचा को पोंछ ले ताकि साफ़ सुथरा रह सकें।
पैरों की स्वच्छता का अभ्यास करने हेतु साबुन और पानी से आवश्यकतानुसार कई बार पैरों को धोएँ। पैरों की उंगलियों के बीच की जगह पर ध्यान अवश्य दे। मोज़े और जूते पहनने से पहले अच्छी तरह से पैरों को सूखा लें।
फंगल संक्रमण फैलने के जोखिम को कम करने के लिए नाखूनों को छोटा रखें और सफाई बरक़रार रखते हुए व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखें।
कपड़े और जूते
सूती और लिनेन जैसे हल्के, ढीलें-ढालें कपड़ों का चुनाव करें ताकि हवा का संचार हो सके और पसीना जमा न हो।
त्वचा को लंबे समय तक नमी के संपर्क में रहने से बचाने के लिए पसीना आने पर तुरंत कपड़े बदल लें।
पसीने को कम करने और एथलीट फुट के जोखिम से बचाव के लिए अच्छे हवादार जूते और नमी सोखने वाले मोज़ों का चुनाव करें।
रोकथाम के लिए उत्पाद
यदि आपको बार-बार फंगल संक्रमण होता हैं तो एंटीफंगल पाउडर या स्प्रे का उपयोग करें। संक्रमण को रोकने के लिए पैरों और कमर जैसे संवेदनशील क्षेत्रों पर एंटीफंगल पाउडर या स्प्रे लगाए।
यीस्ट की वृद्धि को रोकने और फंगल संक्रमण के खतरे को कम करने के लिए चीनी के सेवन को सिमित रखें और संतुलित आहार का सेवन करें।
पर्यावरण जागरूकता
सार्वजनिक क्षेत्रों में नंगे पैर चलने से बचें और दूषित सतहों के साथ सीधे संपर्क को कम करने के लिए लॉकर रूम और स्विमिंग पूल में सैंडल या फ्लिप-फ्लॉप पहनें।
यदि आपको फंगल संक्रमण का संदेह हो या लक्षण दिखाई दें तो तुरंत उपचार करें।संक्रमण को बिगड़ने और फैलने से रोकने के लिए चिकित्सकीय सलाह लें।
गर्मी में फंगल संक्रमण के वैकल्पिक उपचार
निम्नलिखित में से कुछ दवाएं ओवर-द-काउंटर उत्पादों के रूप में उपलब्ध हैं जिनका उपयोग उपचार के लिए किया जा सकता हैं।हालाँकि, उपचार के क्रम को निर्धारित करने के लिए त्वचा विशेषज्ञ से परामर्श की सलाह दी जाती हैं।
क्लोट्रिमेज़ोल (Clotrimazole): क्लोट्रिमेज़ोल एथलीट फुट, दाद, और जॉक खुजली के खिलाफ प्रभावी हैं और ये क्रीम, पाउडर, और स्प्रे जैसे विभिन्न फॉर्मूलेशन में उपलब्ध हैं।
केटोकोनाज़ोल (Ketoconazole): यह ऐंटिफंगल दवा क्रीम, शैम्पू, और गोलियों सहित विभिन्न फॉर्मूलेशन में उपलब्ध हैं और इसका उपयोग त्वचा, सर, और नाखूनों के फंगल संक्रमण के इलाज में किया जाता हैं।
माइकोनाज़ोल (Miconazole): इस ऐंटिफंगल दवा का उपयोग आमतौर पर एथलीट फुट, दाद, और यीस्ट संक्रमण के इलाज के लिए किया जाता हैं। यह क्रीम, पाउडर, और सपोजिटरी (suppositories) के रूप में उपलब्ध हैं।
टेरबिनाफाइन (Terbinafine): क्रीम और स्प्रे के रूप में उपलब्ध, टेरबिनाफाइन का उपयोग एथलीट फुट और जॉक खुजली के इलाज के लिए किया जाता हैं।
टोलनाफ्टेट (Tolnaftate): अक्सर एंटिफंगल क्रीम और पाउडर रूप में पाया जाने वाला टोलनाफ्टेट एथलीट फुट और दाद के उपचार में प्रभावी होता हैं।
निष्कर्ष:
फंगल संक्रमण आम हैं और गर्मियों में ताप और नमीं के कारण यह कई गुना बढ़ जाता हैं।संक्रमण के प्रकार और उपचार के विकल्पों को समझना महत्वपूर्ण हैं। हालाँकि, इससे भी अधिक निवारक उपाय बेहतर मदद करते हैं।इसलिए स्वच्छता बनाए रखना सुनिश्चित करें, ढीलें-ढालें कपड़े पहनें, और व्यक्तिगत सामान दूसरों के साथ साझा करने से बचें।